Mental illness kya hai - हम सभी हेल्दी और हैप्पी लाइफ जीना चाहते हैं और इसके लिए अपनी फिजिकल हेल्थ को बेहतर बनाए रखने की पूरी कोशिश भी करते हैं लेकिन क्या हम अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल भी रख पाते हैं क्या जानते हैं कि मेंटल हेल्थ हमारे इमोशंस और साइकोलॉजी से रिलेटेड होती है और हेल्दी और हैप्पी लाइफ के लिए फिजिकल हेल्थ जितनी ज्यादा जरूरी होती है उतनी ही सेम इंपॉर्टेंस मेंटल हेल्थ की भी होती है ऐसे में मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाए रखने के बहुत सारे आसान तरीके हैं।
जैसे पोसिटिव एटीट्यूड बनाए रखना पर्याप्त नींद लेना फिलिंग्स को शेयर करना और फिजिकल एक्टिविटीज में इंवॉल्व रहना तो इस तरह की बहुत सारी ऐसी एक्टिविटीज होती है जिनमें शामिल होकर आप अपनी मेंटल हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं लेकिन अगर मेंटल हेल्थ पर ध्यान नहीं दिया जाये और इसे इग्नोर किया जाए तो मेंटल इलनेस का शिकार हुआ जा सकता है
यह मेंटल इलनेस क्या होती है यह जान आपके लिए बहुत बेनिफिशियल हो सकता है और आप लाइफ पहले से कहीं ज्यादा बेहतर बना सकते हैं इसलिए आज इस पोस्ट में हम आपको मेंटल इलनेस की जानकारी देने वाले हैं इसीलिए इस फुल पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े तो चलिए शुरू करते हैं।
Mental illness क्या है ?
मेंटल इलनेस एक बहुत बड़ा एरिया है बहुत बड़ी टॉम है जिसमें ऐसी बहुत सारी कंडीशन शामिल होती है जो हमारे सोचने और महसूस करने के तरीके को इफेक्ट करती हैं इनका असर इतना ज्यादा गहरा होता है कि डेली रूटीन को अच्छी तरीके से फॉलो करना भी एक तफ टास्क बन सकता है इस कंडीशन में रहते हुए फैमिली एक्टिविटीज वर्क और सोशल एक्टिविटीज करने में प्रॉब्लम होती है मेंटल इलनेस बहुत से सृजन से हो सकती हैजैसे :- जेनेटिक, एनवायरमेंट बायोलॉजी और डेली की हेबिट्स मेंटल इलेन्स को अच्छी तरीके से समझने के लिए इसके टाइप्स को जानना बेहतर होगा इसलिए अब आपको मेंटल इलनेस के टाइप्स बताते हैं यानी कि किस-किस तरीके की मेंटल इलनेस हो सकती है इस बारे में जानते हैं ताकि आप इनके हो सके।
Enzyte Disorder
इस तरह की मेंटल इलनेस में किसी भी सिचुएशन में बहुत ज्यादा डर लगने लगता है और हार्ड बिट बहुत तेज हो जाती है और व्यक्ति पसीना पसीना हो जाता है एंजायटी डिसऑर्डर में पैनिक डिसऑर्डर सोशल एंजायटी डिसऑर्डर और इसमें कोभा भी शामिल होते हैंअगर किसी परसों को बहुत ज्यादा इंजाइटी रहती है यानी वह किसी भी सिचुएशन पर सही तरीके से रिस्पांस नहीं दे पाता है और अपने रिस्पांस को कंट्रोल भी नहीं कर पाता है तो इस डिसऑर्डर को डिग्नोस करवाना जरूरी हो जाता है।
Major Depressive Disorder
इस तरह के डिसॉडर में एक्सट्रीम सैडनेस फील होती है ऐसे में पर्सन निराशा में डूबा रहता है और कम से कम 2 हफ्ते तक अपसेट और सेड बना रहता है इस कंडीसन को क्लीनिकल डिप्रेशन भी कहा सत्ता हैइस डिसॉडर में डिप्रेशन इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि उस व्यक्ति को सुसाइड कमेंट करने का मन करता है और वह सुसाइड कमेंट करने की कोशिश भी करने लगता है।
Bipolar disorder
रोजाना कई बार शायद आप भी मूड स्विंग फील करते होंगे यानी कभी मन कुछ करने को कहता है तो कभी अचानक से कुछ और करने को कहने लगता है मूड में होने वाले बदलाव ही मूड स्विंग कहलाते हैं लेकिन ऐसा अगर अक्सर होता रहे तो यह मेंटल इलनेस की ओर ले जा सकता हैबाइपोलर डिसॉडर मूड स्विंग से रिलेटेड मेंटल इलनेस है जिसमें बहुत ज्यादा मूड स्विंग होते हैं कभी बहुत एनर्जेटिक फील होता है और कभी बहुत ज्यादा डिप्रेशन तो ऐसे में किसी पर्सन के लिए सही तरीके से सोच पाना और सही तरीके से रिएक्ट करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।
Psychotic disorder
साइकॉटिक डिसऑर्डर्स में व्यक्ति की थिंकिंग रिएलिटी से मैच नहीं करती व्यक्ति अपनी सोच के प्रति अवेयर नहीं रह पता है और हकीकत से दूर एक अलग ही दुनिया में जीने लगता है उस पैसों को ऐसी इमेजेस और साइंस का एक्सपीरियंस होता है जो रियल में नहीं होते हैं वह केवल भ्रम में होते हैं जिन्हें वो सच मान लेता है और उन्हीं के अकॉर्डिंग रिस्पांस और बिहेव करता है हालुसनोस और एसकेजो इसी तरह के डिसऑर्डर्स होते हैं।हसनोंस में व्यक्ति को ऐसी चीजें दिखाई और सुनाई देती है फील होती है और व्यक्ति ऐसी चीजों को स्मेल और टेस्ट भी करता है जो रियालिटी में नहीं होती इसके सुप्रिया डिसऑर्डर में व्यक्ति रियालिटी से अलग दुनिया को एक्सपीरियंस करने लगता है ऐसी सिचुएशन में उस व्यक्ति का बिहेवियर डिसऑर्गेनाइज हो जाता है और अपनी एक्टिविटीज में प्रॉपर पार्टिसिपेशन देने में उसे प्रॉब्लम होने लगती है।
Eating disorder
मेन्टल इंलेस का एक टाइप ईटिंग डिसॉडर भी होता है जिससे वेट और फूड को लेकर के एक्सट्रीम इमोशंस एटीट्यूड और बिहेवियर शामिल होते हैं एनोरेक्सिया बुलिमिया नर्वोसा और बेंच ईटिंग एनोरेक्सिया नर्वोसा में परेशान अपने पेट को लेकर अपने वजन को लेकर इतना ऑफिस हो जाता है कि उसे ओवरवेट होने का डर सताने लगता है नॉर्मल से कम वेट बनाए रखें लगता है आप बहुत ज्यादा खुश है इस करके अपना वेट कम करने लगता है।बुलिमिया नर्वोसा डिसऑर्डर में बर्तन अपने बेटे को ले करके बहुत ही टेंशन में रहता है वह ओवर एक्टिंग करता है और फिर ओवरवेट होने से बचने के लिए जबरदस्ती वोमिटिंग का सहारा लेता है कई बार थोड़ा खा कर भी उसे फॉर्मेट में निकालने की कोशिश करता है सूरज भी हो सकता है बिंज ईटिंग की बात करें तो इसमें व्यक्ति बहुत सारा खाना एक साथ खा लेता है और उसी फील होता है कि ओवरहीटिंग को रोकता उसके कंट्रोल में नहीं रह गया इसके साथ आगे बढ़ते और बात करते हैं।
Impulse Control और Addiction Disorder
इस तरीके डिसऑर्डर में लोग अपनी ऐसी डिजाइंस को रिजेक्ट नहीं कर पाते हैं जो उनके लिए और दूसरों के लिए हार्मफुल हो सकती है पायरोमानिया क्लेप्टोमेनिया ऐसे ही डिसऑर्डर है पायरोमानिया होने पर व्यक्ति चीजों को आग लगाने लगता है किसी भी चीज को आग लगाने से पहले बहुत ही बेचैनी फील करता हैऔर आग लगा देने के बाद उसे बहुत ही रिलैक्स फील होता है तुम एरिया में चोरी करने के डिजाइन होती है भले ही उस व्यक्ति को उन चीजों की जरूरत महसूस हो और ना ही वह चीजें महंगी हो इसके अलावा डिसऑर्डर एंड इस आर्डर में शामिल है जिसमें व्यक्ति खुद को रोक नहीं पाता है।
Personality disorder
इस तरह की डिसऑर्डर में उस पर्सन की पर्सनैलिटी में ऐसी चेंज होते हैं जो उस पर्सन को नार्मल बिहेव करने से रोकते हैं ऐसी पर्सन को स्कूल वर्क और सोशल रिलेशनशिप्स में बहुत सारी प्रॉब्लम स्टील होती है एंटीसोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर कंपल्सिव डिसऑर्डर पैरानॉइड पर्सनैलिटी डिसऑर्डर होते हैं लगता है रूल्स को तोड़ता है।लोगों से बुरा बर्ताव करने लगता है खुद की और दूसरों की सेफ्टी की परिवार नहीं कर पाता ऑब्सेसिव कंपल्सिव पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में व्यक्ति एक्सट्रीम परफेक्शन चाहने लगता है ऐसे डिसऑर्डर में उस व्यक्ति को हर जगह सफाई और हर काम सिस्टमैटिक ऑर्डर में चाहिए होता है ऐसा पर्सन अपने स्टैंडर्ड्स को दूसरे लोगों पर इन पोस्ट करना भी जरूरी समझने लगता है।
Paradise Personality Disorder
जिसमें पर्सन किसी पर भी ट्रस्ट नहीं कर पता है उसे लॉयल्टी कमिटमेंट पर डाउट रहता है उसे हमेशा ऐसा लगता है कि उसे कोई धोखा दे रहा है ऐसा व्यक्ति सब पर शक करने लगता है।एक और इंपॉर्टेंट बात दोस्तों जब सर्दी जुकाम खांसी बुखार के लिए हम डॉक्टर से कंसल्ट करते हैं तो कोई भी हमें अच्छी तरीके से नहीं देखता है बिहेव नहीं करता लेकिन जब हम दिमाग के डॉक्टर से बात करते हैं अपनी प्रॉब्लम्स को ले करके तो शायद अजीब लगता है लेकिन आप निश्चिंत रहिए यह उतना ही नॉर्मल है जितना कि आप सर्दी जुकाम खांसी बुखार के लिए डिस्कस करते हैं।
सिर्फ आपको थोड़ा सा अवेयर होना पड़ेगा ऑनलाइन बहुत सारे डॉक्टर अवेलेबल है आप उनसे बात कर सकते हैं तीन पीस ले सकते हैं जो भी वह गाइड करते हैं उसे फॉलो कर सकते हैं इसी के साथ आप उनके पास जाकर फेस टू फेस कर सकते हैं जो भी ठीक लगता है लेकिन पहली फुर्सत में आपको हेल्प लेनी है ना कि अपनी दुनिया में बैठकर के कुछ ना कुछ बोलते रहना है क्योंकि हर प्रॉब्लम के लिए और उसके पास जरूर है।
तो दोस्तों जिस तरीके से फिजिकल इलनेस बहुत तरह की होती है कि आनी हेल्थ रिलेटेड प्रॉब्लम्स बहुत सारी होती है सर्दी जुखाम खासी बुखार डायबिटीज ब्लड प्रेशर और उसी तरीके से मेंटल इलनेस भी बहुत तरह की होती है और आपको यह जानने में मदद मिलेगी की मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी होता है जितना फिजिकल हेल्थ का और रोज रहने वाले स्ट्रेस ऑरेंज आईडी को बढ़ाने के बजाय उन्हें दूर करने पर गौर करना चाहिए ताकि यह किसी डिसऑर्डर का रूप ना ले ले और हां किसी भी रीजन से अगर किसी को मेंटल डिसऑर्डर हो जाए तो उसे शर्मा ने या घबराने की जरूरत नहीं है।
क्योंकि जिस तरीके से डायबिटीज और एनीमिया जैसी हेल्थ प्रॉब्लम से हम दिल कर सकते हैं उसी तरीके से मेंटल डिसऑर्डर्स को भी ठीक कर सकते हैं।
धन्यवाद