दोस्तों बॉयोलॉजी के बारे में आप ज़रूर जानते होंगे यह विज्ञान की वह शाखा है जिसमें जीव जंतुओं और पेड़ पौधों के बारे में स्टडी किया जाता है इसी प्रकार होता है माइक्रोबायोलॉजी जिसको हिंदी में सूक्ष्म जीव विज्ञान कहा जाता है जो बेसिकली विज्ञान की एक शाखा है जिसके अंतर्गत हम सूक्ष्म जीवों के बारे में पढ़ते हैं
और यह सूक्ष्म जीव हमारी लाइफ में काफी ज्यादा मैटर करते हैं और हमारी लाइफ में डायरेक्ट इनडायरेक्ट अपनी मौजूदगी से प्रभावित करते हैं इनके बारे में कहा जाता है बीआर इन अस ऑन अस एंड अराउंड अस ऐसे में आपको माइक्रोबायोलॉजी से जुड़ी खास बात जाननी चाहिए इसीलिए आज इस वेबसाइट में आप के लिए माइक्रोबायोलॉजी से जुड़ी सभी छोटी-छोटी बातें लेकर आया है इसलिए इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़ें। तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं।
Microbiology क्या है।
हमारे आसपास मौजूद सूक्ष्म जीवों के बारे में जाने के लिए उनको समझने और उनका जीवन पर प्रभाव को ऑब्जर्व करने के लिए विज्ञान की एक अलग शाखा है जिसको हम माइक्रोबायोलॉजी के नाम से जानते हैं सूक्ष्म जीव एक कोशिया और बहू कोशिया दोनों होते हैं जिन्हें हम नंगी आंखों से नहीं देख सकते हैं इसके लिए सूक्ष्मदर्शी की जरूरत पड़ती है इसमें शामिल होते हैं:- बैक्टीरिया, वायरस, फंगी, कावक अदि। जिनको सम्मिलित रूप से माइक्रो कहा जाता है और माइक्रोबायोलॉजिस्ट इन जीवाणुओं से इंसानों, पौधों और जानवरों पर पड़ने वाले पॉजिटिव और नेगेटिव प्रभाव को जानने की कोशिश करते हैं बीमारियों की वजह जाने की कोशिश करते हैं इसके अलावा जीव थेरेपी तकनीक के जरिए वे इंसानों में होने वाले सिस्टिक फाइब्रोसिस, कैंसर जैसे अन्य डेंटिंग डिसऑर्डर के बारे में जानने के प्रयास करते हैं माइक्रोबायोलॉजी अपने आप में एक बहुत विशाल शब्द है
इसकी बहुत शाखाएं हैं जैसे:- विषाणु विज्ञान, कवच विज्ञान, परजीवी विज्ञान, जीवाणु विज्ञान आदि। जीव विज्ञान की बाकी शाखाओं जैसे जीव विज्ञान और पादप विज्ञान की तुलना में माइक्रोबायोलॉजी बिल्कुल नया सब्जेक्ट है यह अभी अपने प्रारंभिक स्तर पर है जिसमें दिन-ब-दिन नए आविष्कार होते रहते हैं जिसके कारण इस फील्ड में बहुत सारी कैरियर संभावनाएं भी है यहां पर हम थोड़ा सूक्ष्मजीव के बारे में जान लेते हैं ताकि आपको माइक्रोबायोलॉजी को deep लेवल से समझने में आसानी होगी विज्ञान की सिंपल परिभाषा कहती है कि वह जीव जो इंसानों के नंगी आंखों से विजिबल नहीं होते हैं
जिन्हें देखने के लिए माइक्रोस्कोप की जरूरत होती है उसे सूक्ष्मजीव कहा जाता है। सूक्ष्म जीव सभी जगह मौजूद रहते हैं यह मिट्टी, हवा, पानी, मानव शरीर के अंदर तथा अन्य प्रकार के जीबो तथा पौधों में भी पाए जाते हैं जहाँ लाइफ पॉसिबल है वहां भी सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं गरम झरनों में बर्फ में कई मीटर नीचे तक नाभिकीय ऊर्जा में हमारे आस पास कितने सूक्ष्मजीव है इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं की लगभग 1 ग्राम मिट्टी में चार करोड़ जीवाणु और एक मिलीलीटर जलव में 10,00000 जीवाणु होते हैं अब हम जानते है।
Microbiology में ऐसा क्या होता है।
माइक्रोबायोलॉजी में ऐसा क्या चीज होता है जिसकारके हमारा जीवन आसान हो जाता है। आइए जानते हैं कुछ माइक्रोबायोलॉजी का अनुप्रयोग भी जानते हैं जैसा कि हम जान चुके हैं कि माइक्रोबायोलॉजी एक नया फिल्ड है बाकी जीव विज्ञान की शाखाओं की तुलना में जाहिर सी बात है इस फील्ड में बहुत नए-नए इनोवेशन होते रहते होंगे। जैसे:- माइक्रोबायोलॉजी न्यूट्रिन साइकिलिंग, जैव अवक्रमण, पर्यावरण परिवर्तन, भोजन का नुकसान, बीमारी के कारण और उसकी रोकथाम में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
और जेनेटिक इंजीनियरिंग और बायोटेक्नोलॉजी भी माइक्रोबायोलॉजी से जुड़ा हुआ है इसके अलावा भी कई क्षेत्रों में भी माइक्रोबायोलॉजी का भरपूर उपयोग होता है जैसे दवा उत्पाद में, फूड और डेयरी प्रोडक्ट प्रोडक्शन में, विटामिन अमीनो एसिड, एंजाइम और ग्रोथ सप्लीमेंट बनाने में यहां तक कि हमारे शरीर में विटामिन k का संश्लेषण सिर्फ बैक्टीरिया द्वारा ही संभव है इस प्रकार हमारी जीवन के कई पहलुओं में माइक्रोबायोलॉजी का गहरा महत्व होता है। अब और थोड़ा पीछे चलते हैं और जाते हैं कि
Microbiology का इतिहास क्या है।
वह पहला व्यक्ति जिन्होंने माइक्रोबायोलॉजी की दुनिया से दुनिया को रूबरू कराया था वह थे Antonie Van Leeuwenhoek जिन्होंने पहली बार सूक्ष्मजीवों के संसार में ताक झांक की इन्हें Father of Bacteriology और Proctology कहा जाता है यह पेशे से दरजी थे और कपड़े की गुणवत्ता की जांच के लिए लेंस बनाते थे उन्होंने 1674 में यानी कि 1674 में एक सरल सूक्ष्मदर्शी बनाया और तालाब के पानी में भारी मात्रा में बैक्टीरिया और प्रोटोजोआओ को ऑब्जेरब किया इस प्रकार साइंस में रुचि लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए विज्ञान के नए फील्ड में जाना और अपने करियर को बेहतर बनाने के लिए ढेरों संभावनाएं है अब हम बायोलॉजी की ब्रांच कितनी है इसके बारे में जान लेते हैं माइक्रोबायोलॉजी की कुल 2 ब्रांचेस है।
1. Pure Microbiology - तो अगर Pure Microbiology की बात करें तो इसमें 14th sub ब्रांच होती है जैसे कि:- Mycology, Microbial Psychology, Microbial Etiology, Microbial Genetics, Molecular Biology, Protozoology, Phenology, Parasitology, Immunology, Bacteriology, Nematology, Sailor Micro Microbiology और Virology.
2. Light Microbiology - अब आगे Light Microbiology की बात करें तो यहां पर भी 9 सब ब्रांचेस होती है जैसे कि:- Medical Microbiology, Microbial Bio Technology, Agriculture Microbiology, Aero Microbiology, Industrial Microbiology, Pharmaceutical Microbiology,food Microbiology, Water Microbiology, Environmental Microbiology.
Microbiology के फील्ड में कैरियर केसे बनाया जाए।
माइक्रोबायोलॉजी की फील्ड में करियर बनाने के लिए आपको बायलॉजी से रिलेटेड कोर्स करना जरूरी है जैसे की:- BSC In Microbiology, BSC In Apply Microbiology, BSC In Industrial Microbiology, BSC In Food Technology, BSC In Clinical Microbiology, MSC In Microbiology, MSC In Applied Microbiology, MSC In Medical Microbiology, MSC In Microbial Genetics And Bio-information.
Microbiology करने के लिए क्राइटेरिया क्या होता है।
अगर आप माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 10+2 क्लास में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट से मिनिमम 50% मार्क्स से पास होना जरूरी है कुछ के लिए एंट्रेंस एग्जाम भी क्लियर करना जरूरी होता है पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए आपको इस से रिलेटेड बैचलर डिग्री होल्डर होना जरूरी है पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद आप माइक्रोबायोलॉजी में phd भी कर सकते हैं और आप जानते हैं माइक्रोबायोलॉजी से जुड़े डिग्री कोर्स अवेलेबल करवाने वाले कुछ इंस्टिट्यूट के नाम क्या है।
1. St. Xavier's College, Maharashtra
2. Madras University College, Chennai
3. Chandigarh University, Chandigarh
5. lovely professional University, jalandhar
6. Presidency College, Chennai
2. Madras University College, Chennai
3. Chandigarh University, Chandigarh
5. lovely professional University, jalandhar
6. Presidency College, Chennai
Microbiology में करियर स्कोप क्या है
अब लास्ट पॉइंट जान लेते हैं कि माइक्रोबायोलॉजी में कैरियर स्कोप क्या है और इससे रिलेटेड कौन से कोर्स करने के बाद आपको जॉब कहां मिलेगी माइक्रोबायोलॉजी में कोर्स करने क्षेत्र फार्मास्यूटिकल्स, डेरी, प्रोडक्ट ,टीचिंग आदि क्षेत्र में काम कर सकते हैं।